Diwali - 2022

आपके व्यापार पर धनतेरस का लक्ष्मी पूजन या चोपड़ा सरस्वती पूजा कराना है , या पूजा खुद से करने के लिए कोई गाइडेन्स चाहिए तो आप पूछ सकते है ।

परंतु पूजा ज़रूरी है ,तो पूजा करना मत भूलना। 

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Timings for the puja on October 22nd, 2022



Timings for the puja on October 24th, 2022




दीवाली पूजा उचित दीवाली पूजा मुहूर्त में ही की जानी चाहिये। दीवाली पूजा मुहूर्त निर्धारित करनें में स्थिर लग्न, प्रदोषकाल एवं अमावस्या तिथि पर विचार किया जाता है। 

सम्पूर्ण दीवाली पूजा में निम्नलिखित पूजा सम्म्लित होती हैं।

आत्म-शोधन - आन्तरिक एवं बाह्य आत्म शुद्धि

सङ्कल्प - सम्पूर्ण विधि-विधान से दीवाली पूजा के अनुष्ठान सम्पन्न करने का पवित्र सङ्कल्प ग्रहण किया जाता है।

शान्ति-पाठ - समस्त प्राणियों के जीवन में सुखः, शान्ति व समृद्धि हेतु शान्ति पाठ किया जाता है।

मङ्गल-पाठ - समस्त प्राणियों की मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु मङ्गल पाठ किया जाता है

कलश-स्थापना - कलश स्थापना की विस्तृत पूजा विधि

गणपति पूजा - संक्षिप्त पञ्च-चरणीय गणेश पूजन विधि

नव-ग्रह पूजा - संक्षिप्त नव-ग्रह पूजनषोडश मातृका-पूजा - संक्षिप्त षोडश मातृका पूजन

भगवान गणेश की नवीन मूर्ति की पूजा - भगवान गणेश की षोडशोपचार पूजा

श्रीलक्ष्मी की नवीन मूर्ति की पूजा - देवी लक्ष्मी की षोडशोपचार पूजा

महा-काली पूजा - लेखनी-दावात पर महा-काली पूजा<br>सरस्वती पूजा - बही-खाते पर सरस्वती पूजाकुबेर पूजा तिजोरी-बक्से पर श्रीकुबेर पूजा

दीप-मालिका पूजा - दीप-मालिका पूजा विधि के समस्त आवश्यक चरण

विसर्जन - प्रार्थना द्वारा औपचारिक रूप से दीवाली पूजा सम्पन्न करना

उपरोक्त पूजा सम्पूर्ण विधि-विधान से की जाती है। सम्पूर्ण दीवाली पूजा सम्पन्न करने में कुछ घण्टों का समय लग सकता है। यह सम्भव है कि लक्ष्मी पूजा मुहूर्त अल्प समय के लिये ही उपलब्ध हो और उसमें सम्पूर्ण दीवाली पूजा सम्पन्न न की जा सके।

अतः दीवाली पूजा, लक्ष्मी पूजा मुहूर्त से पूर्व ही आरम्भ की जा सकती है, जिससे लक्ष्मी पूजा का समय उपलब्ध मुहूर्त के साथ संयोजित हो सके।

शेष पूजा, लक्ष्मी पूजा मुहूर्त के समाप्त होने के पश्चात् भी की जा सकती है।यह स्मरण रहे कि दीवाली पूजा में प्रज्वलित किया गया दीप रात्रि पर्यन्त निर्विघ्न प्रज्वलित रहना चाहिये।

पूजनोपरान्त श्री सूक्त, लक्ष्मी सूक्त तथा देवी लक्ष्मी की अन्य स्तुतियों का पाठ करना चाहिये। यदि सम्भव हो तो देवी लक्ष्मी की स्तुति हेतु जागरण करना चाहिये।



Details of the DIWALI puja

Diwali Puja should be done in proper Diwali Puja Muhurta only. 

Fixed Lagna, Pradosh Kaal and Amavasya Tithi are considered in determining Diwali Puja Muhurta. The following pujas are included in the entire Diwali Puja.

Self-purification - inner and outer self-purification

Sankalpa - The holy resolution is taken to complete the rituals of Diwali Puja with complete rituals.

Shanti recitation - Shanti recitation is done for happiness, peace and prosperity in the life of all beings.

Mangal Path - Mangal Path is done for the fulfillment of the wishes of all beings.

Establishment of Kalash - Detailed method of worship of Kalash establishment 

Ganpati Puja - Brief Five-Step Ganesh Puja Method

Nav-Graha Puja - Brief Nav-Graha Puja

Shodash Matrika worship - Brief Shodash matrika-worship

Worship of new idol of Lord Ganesha - Shodashopachar Puja of Lord Ganesha

Worship of new idol of Sri Lakshmi - Shodashopachar worship of Goddess Lakshmi

Maha-Kali Puja

Saraswati Puja - Saraswati Puja on the ledger

Kuber Puja Shrikuber Puja on Vault-box

Deep-Malika Puja - All Required Steps of Deep-Malika Puja 

Visarjan - Ceremonial completion of Diwali Puja by prayer

The above worship is done with complete rituals. It may take a few hours to complete the entire Diwali Puja. It is possible that Lakshmi Puja Muhurta is available only for a short time and the entire Diwali Puja cannot be performed in it.

Therefore, Diwali Puja can be started before Lakshmi Puja Muhurta, so that the timing of Lakshmi Puja can be aligned with the available Muhurta.The rest of the puja can be done even after the completion of Lakshmi puja Muhurta.

It should be remembered that the lamp lit during Diwali Puja should remain lit continuously till the night.

After worship, Shri Sukta, Lakshmi Sukta and other praises of Goddess Lakshmi should be recited. If possible, Jagran should be done for the praise of Goddess Lakshmi.




Click on the image below for reference on the Lakshmi puja